कैसे शुरू हुआ इलेक्ट्रिक रोड (Electric Road Business) का सफर?
साल 2015 की बात है, एक इंजीनियर अपने ऑफिस से घर लौट रहा था। ट्रैफिक में फँसकर उसने सोचा कि अगर सड़कें खुद गाड़ियों को चलाने की पावर दें तो क्या होगा? उसने अपने गैरेज में एक छोटा सा प्रोटोटाइप बनाया, यानी एक ऐसी सड़क जो गाड़ियों को चार्ज कर सके। आज वो इंजीनियर Electreon कंपनी का फाउंडर है, और उसकी टेक्नोलॉजी इजराइल में हाईवे पर चल रही है।
लेकिन ट्विस्ट ये है कि उसने बड़े-बड़े चार्जिंग स्टेशनों को bye-bye कह दिया और सड़क को ही चार्जर बना दिया। अब सोचो, अगर एक गैरेज से ऐसा बिज़नेस आइडिया (Business ideas from Garage) निकल सकता है, तो आप क्या कर सकते हो? आज मैं आपके लिए एक ऐसा बिजनेस आइडिया लेकर आया हूँ, जो सुनते ही दिमाग हिला देगा।
भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की चुनौती
क्या आपको पता है? भारत में 2030 तक 80% नई गाड़ियाँ इलेक्ट्रिक होंगी, लेकिन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर (Electric Vehicle charging Stations) की कमी सबसे बड़ी मुसीबत है। विदेशों में इलेक्ट्रिक रोड टेक्नोलॉजी (Electric ROad Technology ) पर तेजी से काम हो रहा है, लेकिन भारत में अभी तक कोई बड़े स्तर पर इसे नहीं कर रहा। इलेक्ट्रिक रोड (Electric Road) मैन्युफैक्चरिंग Business क्यों जरूरी है उसको समझने के लिए आपको ग्लोबल डाटा पर ध्यान देना पड़ेगा
ग्लोबल मार्केट डेटा और ग्रोथ प्रोजेक्शन
✅ ग्लोबल इलेक्ट्रिक रोड मार्केट का करंट साइज़ 2024 में ₹1,75,000 करोड़ का है।
✅ यह 16.2% CAGR से बढ़ रहा है और 2032 तक ₹4,00,000 करोड़ को पार कर जाएगा।
✅ भारत में 2035 तक इलेक्ट्रिक रोड मार्केट ₹80,000 करोड़ तक पहुंचने वाला है।
✅ यूरोप, अमेरिका, और चीन इस टेक्नोलॉजी को तेजी से अपना रहे हैं, लेकिन भारत में यह अभी भी नई और अनएक्सप्लोर्ड मार्केट अपॉर्च्युनिटी है।
✅ स्मार्ट सिटी मिशन, EV एडॉप्शन और गवर्नमेंट सपोर्ट इस सेक्टर को बूस्ट कर रहे हैं।
इलेक्ट्रिक रोड (Electric Road) क्या है?
ये एक ऐसी सड़क है, जिसके नीचे वायरलेस चार्जिंग कॉइल्स का नेटवर्क होगा, जो चलते हुए इलेक्ट्रिक वाहनों को ऑटोमेटिक चार्ज करेगा। कोई चार्जिंग स्टेशन की जरूरत नहीं—गाड़ियाँ सड़क से एनर्जी लेंगी और चलती रहेंगी।
ये एक स्मार्ट EV चार्जिंग सॉल्यूशन (Best EV Charging Solutions) है, जो चार्जिंग स्टेशन की बयॎसा से मुक्त करता है।
- सड़क के नीचे इंडक्टिव कॉइल्स बिछाई जाती है, जो चलती गाड़ियों को ऑटोमेटिक चार्ज (Autometic EV Charger) करती है।
- यह समय विहान के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती है क्योंकि ये ट्रक, बस और पाब्लिक ट्रांसपोर्ट को कार्यक्रम बनाया जा सकता है।
इलेक्ट्रिक रोड कैसे काम करता है?
- इंडक्टिव चार्जिंग कॉइल्स: सड़क के नीचे वायरलेस चार्जिंग कॉइल डाली जाती हैं।
- वाहन के रिसीवर कॉइल: वाहन के नीचे एक रिसीवर कॉइल होती है, जो सड़क से एनर्जी लेती है।
- इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड (EMF): सड़क के नीचे लगी कॉइल्स एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड बनाती हैं, जिससे गाड़ियाँ चार्ज होती हैं।
इलेक्ट्रिक रोड के प्रकार
- Inductive Charging – सड़क के नीचे कॉइल बिछाई जाती हैं, जो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड के जरिए गाड़ियों को चार्ज करती हैं।
- Conductive Charging – सड़क में रेल ट्रैक जैसी चार्जिंग स्ट्रिप्स डाली जाती हैं, जिससे गाड़ियाँ सीधे कनेक्ट होकर चार्ज होती हैं।
- Overhead Charging – ट्रॉलीबस जैसी गाड़ियों के लिए ऊपर तार लगाए जाते हैं, जिनसे ऊर्जा मिलती है।
भारत में इलेक्ट्रिक रोड क्यों जरूरी है?
- 2030 तक 80% नई गाड़ियां इलेक्ट्रिक होंगी
- चार्जिंग स्टेशन की कमी बड़ी चुनौती है
- सरकार के Smart City & EV Mission इसे सपोर्ट करेंगे
- इंडस्ट्रियल & लॉजिस्टिक सेक्टर के लिए सस्ता सॉल्यूशन
इसे बनाने का तरीका क्या है?
जरूरी रॉ मटेरियल:
- Copper Induction Coils—चार्जिंग के लिए।
- Conductive Rails और Wireless Charging System।
- Power Connector और Battery Storage।
- High-Durability Concrete/Asphalt।
निर्माण प्रक्रिया:
- सड़क निर्माण और चार्जिंग सिस्टम इंस्टॉलेशन – सड़क की खुदाई करके आवश्यक इलेक्ट्रिकल उपकरण लगाए जाते हैं।
- पावर सप्लाई और कंट्रोल सिस्टम इंस्टॉलेशन – पूरे सिस्टम को एक पावर ग्रिड से जोड़ा जाता है और चार्जिंग प्रक्रिया को ऑटोमैटिक बनाने के लिए IoT टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है।
- टेस्टिंग और ट्रायल रन – इलेक्ट्रिक वाहनों पर इसका ट्रायल किया जाता है।
- संचालन और रखरखाव – सड़क की नियमित जांच होती है और चार्जिंग सिस्टम में किसी तरह की गड़बड़ी को ठीक किया जाता है।
इस बिजनेस में इन्वेस्टमेंट और प्रॉफिट
शुरुआत में ₹50 करोड़+ चाहिए। गवर्नमेंट और प्राइवेट पार्टनरशिप से छोटे स्केल पर शुरू कर सकते हो। प्रॉफिट मार्जिन 40-60% तक हो सकता है।
मार्केटिंग और सेल्स स्ट्रेटेजी
✅ Highway और Smart City Projects को टारगेट करना।
✅ NHAI और Industrial Zones के टेंडर लेना।
✅ EV Manufacturers से टाई-अप करना।
✅ Logistics Companies को सर्विस देना।
अब वो सीक्रेट जो मैंने शुरू में कहा था…
अगर तुम इसे 2025 में शुरू करते हो, तो भारत का पहला Electric Road Manufacturer बन सकते हो। और जब 2030 में EV बूम होगा, तो तुम करोड़ों कमा सकते हो। लेकिन ये मौका सिर्फ उनके लिए है जो अभी ऐक्शन लेंगे।
तो क्या आप इस बिजनेस में कदम रखना चाहते हो?
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